बता दें कि पटना में 3 फरवरी को कांग्रेस पार्टी की रैली होने वाली है, जबकि एनडीए की रैली 3 मार्च को होनी है। हालांकि जुबान फिसलने का एहसास होते ही पथ निर्माण मंत्री ने अपनी बात में तुरंत सुधार किया। साथ ही कांग्रेस पार्टी के 55-60 वर्षों के कार्यों से भाजपा के 11 वर्षों के कार्यों की तुलना करते हुए कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के गठबंधन को डरे हुए लोगों का डरबंधन करार दिया।
कैमूर टाइम्स के लिए दिलीप उपाध्याय की रिपोर्ट